Storytel Hindi Audiobook Podcast

Informações:

Sinopsis

A Hindi podcast about Audiobooks and books. Where every once in a while, we will be talking about everything that is on Storytel in Hindi Language, potentially could be on Storytel or just in general. It will feature author interviews, voice artist interviews, book lovers and more.We hope you join us and discuss with us. Tell us what you want to hear.www.storytel.in

Episodios

  • 76: जीत ही लेंगे एक दिन लड़ते-लड़ते: नीलोत्पल मृणाल

    17/05/2020 Duración: 33min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा दसवाँ पॉडकास्ट है. महामारी से सबसे ज्यादा हैरान परेशान वो गरीब मजूदर हैं जो शहरों से गांवों की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे मुश्किल वक्त में कुछ लेखक अपने सामाजिक सरोकारों को समझते हुए सामने आ रहे हैं और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं. वे वालेंटियर बन कर उन तक राशन, दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें उन तक पहुंचा रहे हैं. हिन्दी के बेस्ट सेलर राइटर और गीतकार नीलोत्पल मृणाल उनमें से एक हैं. इन दिनों नीलोत्पल अपने झारखंड स्थित अपने गांव, दुमका में लोगों की मदद कर रहे हैं. वे लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने, गांव में बाहर से आये लोगों को क्वारंटाइन सेंटर भेजने और उन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. साथ ही सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे है. वो एक वालेंटियर के रूप में अपनी टीम के साथ जमीन पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं.  इन्होंने इस पॉडकास्ट में अपने काम, चुनौतियों और भविष्य पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के बारे में खुलकर और बेहद दिलचस्प ढंग से बात की है. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आ

  • 75: कब तक बन सकता है कोरोना का वैक्सीन जानिये वैज्ञानिक सुषमा नैथानी से

    08/05/2020 Duración: 52min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा नौवाँ पॉडकास्ट है. जिस तेज़ी से वायरस का प्रसार हुआ है और जिस पैमाने पर मृत्यु हुई है, वैक्सीन मनुष्यता की सबसे बड़ी उम्मीद की तरह नज़र आ रहा है. हमने इस विषय पर मॉलीक्यूलर बायोलोजिस्ट और जीनोम विज्ञानी डॉक्टर सुषमा नैथानी से बात की. भारतीय मूल की सुषमा अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ बॉटनी एंड प्लांट पैथोलॉजी में एसिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं. उनका चीन के शहर वुहान से रिश्ता रहा है जहां वे शोध के सिलसिले में जा चुकी हैं.  सुषमा अंग्रेज़ी और हिंदी की सुपरिचित लेखक भी हैं.  आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना संकट के दौरान हमारे अन्य पॉडकास्ट: 8. सैकड़ों जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुँचा रहे हैं लेखक ललित कुमार https://audioboom.com/posts/7572101- 7. इंदौर के किसी सरकारी कर्मचारी ने छुट्टी का सोचा भी नहीं है: कैलाश वानखेड़े https://

  • 74: सैकड़ों जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुँचा रहे हैं लेखक ललित कुमार

    05/05/2020 Duración: 35min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा आठवाँ पॉडकास्ट है.इस संकट में लेकिन सबसे ज्यादा हैरान परेशान गरीब और मज़दूर हैं जिनके घरों में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो पाना भी मुश्किल है. ऐसे कठिन वक्त में कुछ लेखकों ने नई जिम्मेदारी उठाई है उनकी मदद करने की, उन तक राशन पहुँचाने की उनके परिवार का हर तरह से ख्याल रखने की. "विटामिन ज़िंदगी" के लेखक, 'कविता कोश' और 'गद्य कोश' के संस्थापक ललित कुमार उन लेखकों में से हैं जो राहत कार्य में लगे हुए हैं. वे सोशल मीडिया के मार्फ़त  दिल्ली से दूर, गांवों में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं, उन्हें आवश्यक सामग्री मुहैया करा रहे हैं.  उनके इस काम में उनकी  दिव्यांग लोगों की टीम ग्राउन्ड में डटी हुई है. इस बातचीत में वे बता रहे हैं  इस काम के बारे में और हौसला बनाए रखने की अपनी तरकीब के बारे में.  ललित को 2018 में दिव्यांग लोगों के रोल मॉडल के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. आप we capable नाम की वेबसाइट चलाते हैं, इसके अलावा दशमलव नामक ब्लाग भी है.  आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद

  • 73: इंदौर के किसी सरकारी कर्मचारी ने छुट्टी का सोचा भी नहीं है: कैलाश वानखेड़े

    29/04/2020 Duración: 31min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा सातवाँ पॉडकास्ट है. इस बार हम बातचीत कर रहे हैं इंदौर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट और हिंदी के अग्रणी कथाकार कैलाश वानखेड़े से. इंदौर भारत के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में से है और वहाँ प्रशासन के सम्मुख अन्य चुनौतियाँ भी रही हैं जिन्होंने इस लड़ाई को और भी मुश्किल बना दिया. कैलाश बता रहे हैं इंदौर प्रशासन कैसे इन सब चुनौतियों के साथ साथ अपने एक पुलिसकर्मी साथी के संक्रमण से देहांत के दुखद सदमे से उबरा और कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई को युद्ध समझकर फिर से कर्मठता से जुट गया. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना संकट के दौरान हमारे अन्य पॉडकास्ट: 6. मिलिये उस अभिनेत्री से जो मुंबई में कोरोना मरीज़ों की सेवा नर्स के रूप में कर रही है https://audioboom.com/posts/7559410- 5. सरकारी क्षेत्र किसी को बेलआउट करने जितना समर्थ नहीं रह जाएगा: डॉ. अवनींद्र ठाकुर

  • 72: मिलिये उस अभिनेत्री से जो मुंबई में कोरोना मरीज़ों की सेवा नर्स के रूप में कर रही है

    17/04/2020 Duración: 50min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा छठा पॉडकास्ट है.  इस पॉडकास्ट में हमने एक्‍ट्रेस, शिखा मल्होत्रा से बात की जो इन दिनों बतौर नर्स कोरोना मरीजों को अपनी सेवाएं मुम्बई के एक अस्पताल में दे रही हैं और सुर्खियों में हैं. शिखा एक्ट्रेस के साथ-साथ सर्टिफाइड नर्स भी हैं. उनकी ये नि:स्वार्थ सेवा लोगों के लिए एक प्रेरणा है.  शिखा ने हाल में कांचली फिल्म से बतौर लीड एक्ट्रेस, डेब्यू किया है. ये फिल्म महान साहित्यकार, विजयदान देथा की कहानी पर आधारित है. शिखा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं, उन्होंने क्लासिकल संगीत और नृत्य भी सीखा है, साथ ही कविताएं भी लिखती हैं. उनका सफ़र भी काफी संघर्ष और चुनौतियों से भरा रहा है. उन्होंने इस पॉडकास्ट में न केवल नर्स के रूप में अपनी चुनौतियों को बताया है बल्कि कोरोना को लेकर कुछ टिप्स भी दिए हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना संकट के दौरान हमारे अन्य पॉडक

  • 71: सरकारी क्षेत्र किसी को बेलआउट करने जितना समर्थ नहीं रह जाएगा: डॉ. अवनींद्र ठाकुर

    10/04/2020 Duración: 30min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा पाँचवा पॉडकास्ट है. इस एपिसोड में हम जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ गवर्नमेंट एंड पब्लिक पॉलिसी में एसोसियेट प्रोफ़ेसर डॉ. अवनींद्र ठाकुर से बात कर रहे हैं ग्लोबल और भारतीय इकॉनमी पर कोरोना संकट के प्रभाव की. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना से सम्बंधित हमारे अन्य पॉडकास्ट: 4. ख़बर के लिए बाहर सड़क पर जाने में कोई डर नहीं: राहुल कोटियाल https://audioboom.com/posts/7548910- 3. लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें?: डॉ. स्कंद शुक्ल https://audioboom.com/posts/7542314- 2. अचानक लगा हम निर्वासित हो गए हैं, देश के धूल धक्के में लौटना है: मी और जे https://audioboom.com/posts/7539665- 1. यह संसार का अंत क़तई नहीं है, उम्मीद रखिये, ख़याल रखिये: डॉ. प्रवीण झा https://audioboom.com/posts/7536684-

  • 70: ख़बर के लिए बाहर सड़क पर जाने में कोई डर नहीं: राहुल कोटियाल

    06/04/2020 Duración: 37min

    कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा चौथा पॉडकास्ट है. इससे पहले हमने नॉर्वे और भारत से दो डाक्टर्स से बात की है इसके प्रसार और बचाव के बारे में और अमेरिका में रह रहे एक भारतीय कलाकार दंपत्ति से. इस एपिसोड में हम बात कर रहे हैं युवा पत्रकार राहुल कोटियाल से जो दैनिक भास्कर के लिए दिल्ली में ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे हैं. राहुल हर बड़ी खबर के समय सड़क पर थे - नोयडा हाईवे पर प्रवासी मज़दूरों का महापलायन हो, निज़ामुद्दीन में तबलीगी मरकज़ से इवेक्युएशन हो या दिल्ली दंगो के बाद बने रीलीफ कैम्प से लोगों की निकासी. 33 साल के राहुल एक उदाहरण हैं उन बहुत सारे प्रेरणादायी पत्रकारों का जो इस समय बहादुरी और संजीदगी से अपना काम अंजाम दे रहे हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ. आप घर पर रहिए, अपना ख़याल रखिए, हो सके तो रोज़ कोई किताब सुनिए या पढ़िए. कोरोना से सम्बंधित हमारे अन्य पॉडकास्ट:  3. लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें?: डॉ. स्कंद शुक्ल  https://audioboom.com

  • 69: लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें?: डॉ. स्कंद शुक्ल

    28/03/2020 Duración: 33min

    डाॅक्टर स्कन्द शुक्ल, एमडी मेडिसिन , डीएम इम्यूनोलॉजी , लखनऊ में गठिया-रोग-विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं. वे हिंदी भाषा में सोशल मीडिया पर वैज्ञानिक चेतना के प्रसार और जनशिक्षण का काम करने वाले थोड़े-से लोगों में हैं.  इस बातचीत में वे बता रहे हैं कि हम मनुष्य से मनुष्य को होने वाले संक्रमण के अलावा पार्सल, सब्ज़ियों और अन्य वस्तुओं के मार्फ़त होने वाले संक्रमण से कैसे बच सकते हैं. Cover Art: Mee Jey दोस्तो हम इस बीमारी को हरा सकते हैं. हमें ख़ुद का और दूसरों का ख़याल रखना होगा. संयम रखना होगा. निर्देशों का पालन करना होगा. यह जीवन एक अद्भुत उपहार है और हमें इसे नहीं खोना है. अपना ख़याल रखिये और जितना सम्भव हो दूसरों का भी. शरीर से दूर रहने की ज़रूरत है दिल से नहीं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 68: अचानक लगा हम निर्वासित हो गए हैं, देश के धूल धक्के में लौटना है: मी और जे

    25/03/2020 Duración: 01h06min

    मी और जे [मीनाक्षी और सुशील] कलाकार दम्पत्ति हैं जो अभी अमेरिका में रहते हैं. उनके लिए कला रोज़ की दैनिक, साझा गतिविधि है और वे 2013 से इसकी प्रस्तुतियाँ करते रहे हैं. दोनों मिलकर बरसों से एक कम्यूनिटी प्रोजेक्ट 'आर्टोलॉग' भी चलाते रहे हैं. जे ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है और वे कुछ वर्षों तक बीबीसी के साथ सोशल मीडिया एडीटर और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम चुके हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के इन दिनों में जब हम घरों में क़ैद हैं, जे और मी का कला को एक रोज़मर्रा की गतिविधि की तरह प्रैक्टिस करने का बरसों का अभ्यास उन्हें इस असाधारण परिस्थिति का सामना करने में कैसे मदद कर रहा है और मनुष्य, दम्पत्ति, कलाकार और पेरेंट के रूप में वे दोनों यह किस तरह कर रहे हैं यह जानने के लिए हमने उनसे एक लॉंग-डिसटेंस पोडकास्ट के रूप में बातचीत की. उम्मीद यह बातचीत आपको अपने लिए उपयोगी लगेगी. अपना ख़याल रखिए. घर में रहिये. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 67: यह संसार का अंत क़तई नहीं है, उम्मीद रखिये, ख़याल रखिये: डॉ. प्रवीण झा

    21/03/2020 Duración: 46min

    कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे संसार में फैलने और उसके द्वारा हज़ारों लोगों की मृत्यु के साये में अचानक हम सबकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गयी है. हम सबको अपने घरों में ख़ुद को सीमित करके  इसकी रोकथाम करने की ज़रूरत है. इस महामारी के कारणों, इसके फैलने और इससे बचाव पर हमने नार्वे में रहने वाले भारतीय मूल के रेडियोलोजिस्ट और हिंदी लेखक डॉ. प्रवीण झा से बात की.  डॉ. प्रवीण सम्प्रति नॉर्वे के कॉन्ग्सबर्ग (Kongsberg) में विशेषज्ञ चिकित्सक (रेडियोलॉजिस्ट, हेल्सेहुसे कॉन्ग्सबर्ग, Helsehuset Kongsberg) हैं. इसके पूर्व वह पुणे, अमरीका, दिल्ली, और बेंगलुरू में भिन्न-भिन्न अस्पतालों में कार्य कर चुके हैं. वह स्वास्थ्य और अन्य विषयों पर स्तंभ लिखते रहे हैं. उनकी पुस्तकें ‘कुली लाइन्स’ (वाणी प्रकाशन) और ‘वाह उस्ताद’ (राजपाल प्रकाशन) चर्चा में रही हैं. एक डॉक्टर के रूप में वे इसकी रोकथाम से सीधे जुड़े हुए हैं. अपना ख़याल रखिये. हम सब मिलकर इस आपदा को परास्त करेंगे. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के

  • 66: बातचीत आवाज़ के जादूगरों से: ओशो पर किताब 'मैं क्यूँ आया था' की आवाज़ मनोहर महाजन

    14/03/2020 Duración: 34min

    रेडियो के स्वर्णिम युग से जुड़ा ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है बल्कि इनसे बात करते वक़्त असंख्य ऐसे रह्स्योदघाटन हुए कि आज की हमारी पीढ़ी के मुँह से बरबस ही "आह" या "वाह" निकलेगा. मनोहर महाजन ने रेडियो सिलोन और विविध भारती के लिए दशकों तक ऐसे कार्यक्रमों को बनाया और संचालित किया जिन्हें रेडियो सुनने वाले आज भी याद किया करते हैं. शशिकांत सदैव की ओशो रजनीश के जीवन पर लिखी किताब "मैं क्यों आया था" की ऑडियो बुक को अपनी आवाज़ देने वाले मनोहर महाजन बताते हैं कि रजनीश के ओशो बनने से पहले वो एक अध्यापक थे और ये एक बेहद ही सुखद संयोग भी रहा कि मनोहर जी उनके स्टूडेंट. कई हस्तियों के साक्षात्कार करने वाले, कई कार्यक्रमों की आवाज़ और कई कहानियों को रेडियो के दौर में आप तक पहुँचाने वाले मनोहर महाजन किताबों की दुनिया से जुड़े अपने अनुभव बताते हुए बेहद नोस्टैल्जिक होने लगते हैं तो आप भी इस नास्टैल्जिया का हिस्सा बन जाइये. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.  

  • 65: बातचीत आवाज़ के जादूगरों से: 'मित्रों मरजानी' और 'कोठागोई' की आवाज़ सुनीता शर्मा

    07/03/2020 Duración: 36min

    हरियाणा से मुंबई के सफ़र में जो एक चीज़ सुनीता शर्मा के साथ हमेशा रही वो थी आवाज़ की दुनिया. ऑल इंडिया रेडियो की एनाउंसर के तौर पर वॉइसओवर की दुनिया में कदम रखने वाली सुनीता आज वॉइसओवर और डबिंग की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं. दंगल फ़िल्म में आमिर ख़ान और तनु वेड्स मनु में कंगना रनौत द्वारा निभाए गए दत्तो किरदार के लिए दोनों अदाकारों को एक्सेंट ट्रेनिंग देने के बाद चर्चा में आई सुनीता शर्मा किताबों के बारे में बात करते वक़्त अपने बचपन के गलियारों में पहुँच जाती हैं. प्रेमचंद की निर्मला, कृष्णा सोबती की मित्रो की आवाज़ बनी सुनीता, शिवानी के उपन्यास "चौदह फेरे" और प्रभात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियों की किताब "कोठागोई" को भी ज़िंदा करती हैं. नई पीढ़ी की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में ब्रह्मकुमारी शुभा के लिखे कुछ बेहद ज़रूरी विषयों को सुनीता अपनी आवाज़ से शांति और मैडिटेशन की तरफ़ भी लेकर जाती हैं. व्यक्तित्व से बेहद सौम्य सुनीता शर्मा जब माइक के पीछे पहुँचती हैं तो आवाज़ के पुल से लेखक और श्रोताओं को बेहद मज़बूत डोर से बाँध देती हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें

  • 64: बातचीत आवाज़ के जादूगरों से: शशि थरूर की किताबों की हिंदी आवाज़ अनिल दत्त

    29/02/2020 Duración: 55min

    25 साल से भी ज़्यादा वक़्त से वॉइसओवर की दुनिया से जुड़े अनिल दत्त डिस्कवरी और नेशनल जियोग्राफिक जैसे जाने माने चैनल्स की भारत में शुरुआत से उनके साथ मौजूद रहे. हम में से कइयों ने इनकी आवाज़ को सुना और पसंद किया होगा लेकिन अक्सर पर्दे के पीछे रहने वाली आवाज़ों के नाम से बेख़बर हम चाहकर भी वो तारीफ़ उन तक नहीं पहुँचा पाते हैं. पंजाब यूनिवर्सिटी से थिएटर की पढ़ाई करने वाले अनिल दत्त फिल्मों और नाटकों के बेहद शौक़ीन हैं और शायद यही वजह है कि वो अपनी विचारधारा और रुझान के बारे में बात करते वक़्त बिलकुल भी नहीं हिचकिचाते. स्टोरीटेल एप पर मौजूद शशि थरूर की बेहद चर्चित रही किताबों, "अंधकार काल - भारत में ब्रिटिश साम्राज्य" और "मैं हिन्दू क्यों हूँ" के हिंदी अनुवाद को अपनी आवाज़ देने वाले अनिल दत्त के साथ बातों का सिलसिला कुछ यूँ निकला की वक़्त का कोई अंदाज़ा ही नहीं रहा. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.  

  • 63: मिलिये "ये इश्क़ नहीं आसान" के लेखक और आवाज़ों से

    21/02/2020 Duración: 23min

    इस साल वेलेंटाइन डे पर रीलीज हुई स्टोरीटेल ओरिजिनल 'ये इश्क़ नहीं आसान' के लेखक पीयूष श्रीवास्तव और उसके रंग बिरंगे किरदारों को आवाज़ देने वाले कलाकार आर जे करन, रत्ना सक्सेना और वंदना इस पोडकास्ट में चर्चा कर रहे हैं कि उन्होंने यह सीरीज़ कैसे बनाई.  ये इश्क़ नहीं आसान' सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.  आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 62: बातचीत आवाज़ के जादूगरों से: 'अक्टूबर जंक्शन' और 'बाबली घोष ज़िंदा है' की आवाज़ पूजा पंजाबी

    15/02/2020 Duración: 33min

    एडवरटाइजिंग, फिल्मों की डबिंग और वॉइसओवर की दुनिया में एक जाना माना नाम है पूजा पंजाबी. बच्चों के बीच चर्चित कई किरदारों को पूजा अपनी आवाज़ दे चुकी हैं और इन्हें बेहद पसंद भी किया जाता है. स्टोरीटेल पर दिव्य प्रकाश दुबे की बेस्टसेलर किताब "अक्टूबर जंक्शन" पूजा की ही आवाज़ में मौजूद है और श्रोताओं ने इन्हें बेहद सराहा भी है. उर्दू शायरों और शायरी को पसंद करने वाली पूजा अक्सर उनकी ग़ज़लों नज़्मों को अपनी आवाज़ में सिर्फ़ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी सुनाती नज़र आती हैं. स्टोरीटेल ओरिजिनल "बाबुली घोष ज़िंदा है" के लिए हाल ही में हुए इंडिया वॉइस फ़ेस्ट में बेहतरीन नरेशन के लिए अवार्ड पाने वाली पूजा बता रही हैं अपने कुछ बेहद दिलचस्प अनुभव एक दिलचस्प अंदाज़ में. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 61: बातचीत आवाज़ के जादूगरों से: 'राग दरबारी' और 'कसप' की आवाज़ त्रिलोक पटेल

    08/02/2020 Duración: 30min

    कई अंग्रेज़ी फिल्मों के किरदारों की हिंदी आवाज़ के तौर पर आप इन्हें सुनते रहे हैं लेकिन एक वक़्त पर क्राइम रिपोर्टर रहे त्रिलोक जब किताबों पर बातें करने लगते हैं तब ऐसा लगता है जैसे वो किसी बड़ी तफ़्तीश में जुटे हैं और किताबें वो कड़ियाँ हैं जो उन्हें उस रहस्य को सुलझाने में मदद कर रही हैं. मंटो के "दस्तावेज़", श्रीलाल शुक्ल के कालजयी उपन्यास "राग दरबारी", मनोहर श्याम जोशी के "कसप" से लेकर बाबूराव बगुल की मराठी किताब का हिंदी अनुवाद "जब मैंने जात छुपाई" और बालेंदु द्विवेदी की "मदारीपुर जंक्शन" से अपनी आवाज़ में आपको बाँधने वाले त्रिलोक जब बात करते हैं अपनी पसंद की किताबों पर तो आप चाहेंगे कि एक कॉपी पेन लेकर बैठ जाएँ और सारी किताबों के नाम लिख लें. वैसे "राग दरबारी" के लिए हाल ही में हुए इंडिया वॉइस फ़ेस्ट में इन्हें बेस्ट वॉइसओवर आर्टिस्ट का अवार्ड भी मिल चुका है. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 60: हिंदी में "फ़िल्म कम्पेनियन" जैसा प्लेटफ़ॉर्म चाहिए फ़िल्मों पर बात करने के लिए

    30/01/2020 Duración: 45min

    प्रख्यात सिनेमा विशेषज्ञ और समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने अपने बरसों से काम से हिंदी में फ़िल्म समीक्षा और फ़िल्म पर बातचीत का एक व्याकरण और माहौल विकसित किया है. वे अपने बेबाक़ अन्दाज़ और ठोस कहन के लिए जाने जाते हैं. दैनिक जागरण में एक लम्बी पारी खेलने के बाद आजकल वे डिजिटल माध्यमों में स्वतंत्र प्रयोग कर रहे हैं. इस बातचीत में वे पिछले बीस साल में सिनेमा पर बात करने, उसे रिव्यू करने के तरीक़ों पर खुल कर अपनी राय साझा कर रहे हैं. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.

  • 59: जासूस जो जासूस लगता नहीं लेकिन मिस्ट्री जिसके सामने टिकती नहीं उर्फ़ आपका प्यारा डिटेक्टिव गिरि

    20/01/2020 Duración: 11min

    स्टोरीटेल की हिट ओरिजिनल सीरीज़ 'डिटेक्टिव गिरि' के लेखक हरपाल महल डिटेक्टिव गिरिराज धारकर का एक और नया कारनामा ले कर आए हैं शॉर्ट स्टोरी 'छल' में. क्या कह रहे हैं हरपाल इस पोडकास्ट में इस मिस्ट्री को हम नहीं खोलेंगे, आपको सुनकर खुद ही पता करना पड़ेगा. 'छल' रीलीज हो रही है 22 जनवरी 2020 को और उसे आप इस लिंक पर सुन पाएँगे. https://www.storytel.com/in/en/books/1130989-DetectiveGiri---Chhal आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.  

  • 58: कैसी आवाज़ें ढूँढ रहे हैं स्टोरीटेल के ऑडियो प्रोडक्शन मैनेजर राहुल पाटिल?

    16/01/2020 Duración: 38min

    इस बार के पोडकास्ट में भी कोई मेहमान नहीं है क्यूँकि इस में हम बात कर रहे हैं स्टोरीटेल के ऑडियो प्रोडक्शन मैनेजर राहुल पाटिल से. राहुल ने थिएटर से शुरुआत की और क्या खूब की, उसके बाद वे ऑडियो की दुनिया में आये और क्या खूब आये. बड़े बड़े कलाकारों और चैनलों के साथ काम किया और फिर स्टोरीटेल इंडिया के सबसे पहले जुड़ने वाले साथियों में से एक बने. धुन के पक्के, उसूल के पक्के और बेस्ट को बेहतर करने की जुगत में लगे रहने वाले राहुल भीतर-बाहर  से एक आर्टिस्ट हैं, जो करते हैं उसकी बारीकियाँ जानने वाले और उन्हें खुले दिल से सबके साथ साझा करने वाले प्रोफ़ेशनल हैं. इमोशनल तो हैं ही, उसके बिना कोई आर्टिस्ट होता है क्या! पर्दे के पीछे रहने वाले राहुल से हमनें उनकी अब तक की ज़िंदगी और आर्ट की बात की है और पूछा है कि वो इतना सारा काम क्वालिटी के साथ कैसे करते हैं, कैसे हर किताब के लिए सही आवाज़ ढूँढ निकालते हैं. अगर आप वॉयस आर्टिस्ट हैं तो आपके लिए यह बातचीत एक ट्रीट भी है मौक़ा भी. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल

  • 57: इम्तियाज़ अली ने यह फ़िल्म देखकर अपनी फ़ैमिली के साथ बजाई ताली

    05/01/2020 Duración: 44min

    अविनाश दास को आज बहुत-से लोग उनकी फ़िल्म 'अनारकली ऑफ़ आरा' से जानते हैं. लेकिन मुंबई जाने से पहले और अपनी फ़िल्म बनाने से पहले वे लेखक, पत्रकार और ब्लॉगर रहे हैं. इस बातचीत में अविनाश बता रहे हैं दरभंगा से मुंबई तक की यात्रा के बारे में, जनकवि बाबा नागार्जुन के साथ अपने लम्बे आत्मीय सम्बन्ध के बारे में, अपने पहली और दूसरी वेब सीरीज के बारे में जो 2020 में आ रही हैं [और जिनमें से एक इम्तियाज़ अली ने लिखी है], अपने कविता और उपन्यास लिखने के बारे में और 'अनारकली ऑफ़ आरा' के बारे में. आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?  email: support@storytel.in स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ जाएँ.  

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